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Sunday, 4 September 2016

OH 13 गणेश चतुर्थी





OH में आजकल बहुत धूमधाम हो रही है. कुछ चुनावी सरगर्मियां हैं और कुछ बप्पा के आने की. हाँ, और गरबा अभ्यास की धूम भी तो है. जगह जगह महिलाओं और कन्यायों के समूह अभ्यास करते दिखाई दे रहे हैं. गार्डन में, पार्किंग में और कभी तो टावर्स के पीछे भी. माहौल मस्त और खुशनुमा  है. 

अब ५ सितम्बर को गुन्नू भैया के आने का इंतज़ार है. आज कुछ धार्मिक वेबसाइट्स से गणेश चतुर्थी की पूजा और विधान की कुछ विधियां पढ़ी तो लगा यह में आपने पाठकों के साथ शेयर करूँ. 

मैं खुद भी गणेश जी को घर लातीं हूँ. मेरे यहां विनायक  दूसरी बार ठहरेंगे. OH में आने के बाद से मेरे मन में गणेश जी को घर लाने की इच्छा जागी. क्योंकि मैं बहुत कर्मकांड में विश्वास नहीं रखती, तो मुझे पूजा इत्यादि की विधि की कोई जानकारी नहीं थी.पिछले वर्ष मैंने अपनी सहेलियों के मार्गदर्शन में बप्पा की पूजा अर्चना  की. पर मेरा  ईश्वर के साथ संचार का एक अलग माध्यम है. मुझे अकेले में शान्ति से उन से बात करना अच्छा लगता है. मुझे पूजा के नाम पर चंदा इत्यादि भी देना बहुत सुहाता नहीं. उस भगवान् को हम क्या दे सकते हैं जो सारी सृष्टि का मालिक  है. पर कुछ बातें समाज में रहते हुए करनी भी पड़ती हैं. 

मैं खुद तो किसी भी तरह की पूजा पाठ  की विधि को नहीं मानती, पर आज नेटसर्फिंग करते हुए मुझे गणेश वंदना की प्रणाली के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त हुई तो सोचा कि यह जानकारी  सभी के साथ बांटी जाए.
मैं तो सिर्फ भगवान् से साधारण संवाद करना चाह रहीं हूँ. सिर्फ मन की बात. यूँ तो विघ्नहर्ता को कुछ कहने की भी ज़रुरत नहीं है, पर फिर भी इंसानी मन है, बिना कहे मानता भी नहीं.
चलिए बातों का क्या है, यह तो होती रहेंगी.

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आईये, अब गणेश चतुर्थी के बारे में कुछ जानकारी का आदान प्रादान हो जाए.

शुभ मुहुर्त
आपको बता दें कि भले ही गणेश चतुर्थी 5 सितंबर 2016 को है लेकिन इसका प्रारंभ 4 सितंबर, शाम 6.54 मिनट पर ही हो जाएगा और 5 सितंबर रात 9.10 मिनट पर यह शुभ मुहुर्त समाप्त हो जाएगा।

पूजन का समय
घर में गणेश स्थापित करने और पूजन का शुभ समय सुबह 11.10 मिनट से लेकर दोपहर 1.39 मिनट तक रहेगा।

विशेष सामग्रियां
गणेश चतुर्थी के दिन, गणेश पूजन पूरे विधि-विधान से ही किया जाना चाहिए और इसके लिए विशेष सामग्रियां जरूरी हैं।

मोदक
चौकी, जल कलश, पंचामृत, लाल कपड़ा, रोली-मोली, मोदक, जनेऊ गंगाजल, इलायची, नारियल, सिंदूर, चांदी का वर्क, सुपारी, लौंग, पंचमेवा घी, कपूर... आदि की आवश्यकता है।

भगवान गणेश की पूजा
सामग्री इकट्ठा करने के बाद अब पूजन विधि के बारे में जान लेते हैं। जानकारों के अनुसार भगवान गणेश की पूजा करने के लिए सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर नहा लें।

लाल कपड़े पहनें
नहाने के बाद लाल कपड़े पहनें और फिर पूजा करने की तैयारी करें। पूजा करते हुए आपक मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।

पूजन की शुरुआत
पूजन की शुरुआत करने से पहले पंचामृत में गणेश जी का स्नान करवाएं और उसके बाद उन पर गंगा जल छिड़कें। एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर गणेश जी को उस पर स्थापित करें और ऋद्धि-सिद्धि के रूप में उनके साथ दो सुपारी रखें।

मंत्र
समस्त सामग्री अर्पित करने के बाद धूप, अगरबत्ती, दीपक से उनकी आरती करें और “वक्रतुंड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ, निर्विघ्नं कुरु मे दे सर्व कार्येषु सर्वदा” मंत्र का जाप करें।

चांद
गणेश चतुर्थी से जुड़ी एक मान्यता भी विद्यमान है कि गणेश चतुर्थी की रात चांद नहीं देखना चाहिए। ऐसा क्यों कहा जाता है उसके पीछे भी एक कहानी है, जिसका संबंध एक श्राप से है।

भगवान श्रीकृष्ण
ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति गणेश चतुर्थी के चांद को देख लेता है, तो देखने वाले व्यक्ति पर चोरी का आरोप लगता है। भगवान श्रीकृष्ण ने भी चतुर्थी का चांद देखा था और उन्हें भी मणि चोरी करने के झूठे आरोप का सामना करना पड़ा था।

चांद ना देखने का समय
चांद को ना देखने का निश्चित समय भी उपलब्ध है जो 4 सितंबर 2016 को शाम 6.50 से 8.36 तक है और 5 सितंबर को सुबह 9.21 से शाम 9.12 तक है।
समस्त खुशियां
यह सभी पूजा की विधियां और पूजन की सामग्री पूरी तरह शास्त्रीय मान्यताओं से जुड़े हैं। 
इसी उम्मीद के साथ आप से विदा लेती हूँ कि गणेश जी जब आएंगे तो वे आपके सभी विघ्नों को हरकर आपको और आपके परिवार को समस्त खुशियां प्रदान करेंगे।
( information collected from different sites)

Monday, 23 November 2015

OH8: Sunderkand Paath

On Saturday, 21 Nov,15 OH was inmersed in spititual flavours. A sunderkand paath was organised by few relligious minded people. After 2 hrs of musical recitation of Ramayan's Sunderkand followed by hanumaan chalisa was attended by around 100 people.
The paath was followed by prasaad of poori-sabzi-halwa.
May this religious ceremony brings prosperity,peace and happiness in the OH family!
Amen!